सोमवार, 22 दिसंबर 2014

क्या है थायराइड की वजह ....?


* थायराइड मानव शरीर मे पाए जाने वाले एंडोक्राइन ग्लैंड में से
एक है। थायरायड ग्रंथि गर्दन में श्वास नली के ऊपर एवं स्वर यन्त्र
के दोनों ओर दो भागों में बनी होती है। इसका आकार
तितली जैसा होता है। यह थाइराक्सिन नामक हार्मोन
बनाती है जिससे शरीर के ऊर्जा क्षय, प्रोटीन उत्पादन एवं अन्य
हार्मोन के प्रति होने वाली संवेदनशीलता नियंत्रित होती है।
यह ग्रंथि शरीर के मेटाबॉल्जिम को नियंत्रण करती है
यानि जो भोजन हम खाते हैं यह उसे उर्जा में बदलने का काम
करती है।
* इसके अलावा यह हृदय, मांसपेशियों, हड्डियों व कोलेस्ट्रोल
को भी प्रभावित करती है।
*आमतौर पर शुरुआती दौर में थायराइड के किसी भी लक्षण
का पता आसानी से नहीं चल पाता, क्योंकि गर्दन में
छोटी सी गांठ सामान्य ही मान ली जाती है। और जब तक इसे
गंभीरता से लिया जाता है, तब तक यह भयानक रूप ले लेता है।
*आखिर क्या कारण हो सकते है जिनसे थायराइड होता है।
* थायरायडिस- यह सिर्फ एक बढ़ा हुआ थायराइड ग्रंथि (घेंघा)
है, जिसमें थायराइड हार्मोन बनाने की क्षमता कम हो जाती है।
* इसोफ्लावोन गहन सोया प्रोटीन, कैप्सूल, और पाउडर के रूप में
सोया उत्पादों का जरूरत से ज्यादा प्रयोग भी थायराइड होने
के कारण हो सकते है।
* कई बार कुछ दवाओं के प्रतिकूल प्रभाव भी थायराइड की वजह
होते हैं।
* थायराइट की समस्या पिट्यूटरी ग्रंथि के कारण भी होती है
क्यों कि यह थायरायड ग्रंथि हार्मोन को उत्पादन करने के संकेत
नहीं दे पाती।
* भोजन में आयोडीन की कमी या ज्यादा इस्तेमाल
भी थायराइड की समस्या पैदा करता है।
* सिर, गर्दन और चेस्ट की विकिरण थैरेपी के कारण या टोंसिल्स,
लिम्फ नोड्स, थाइमस ग्रंथि की समस्या या मुंहासे के लिए
विकिरण उपचार के कारण।
* जब तनाव का स्तर बढ़ता है तो इसका सबसे ज्यादा असर
हमारी थायरायड ग्रंथि पर पड़ता है। यह ग्रंथि हार्मोन के स्राव
को बढ़ा देती है।
* यदि आप के परिवार में किसी को थायराइड की समस्या है
तो आपको थायराइड होने की संभावना ज्यादा रहती है। यह
थायराइड का सबसे अहम कारण है।
* ग्रेव्स रोग थायराइड का सबसे बड़ा कारण है। इसमें थायरायड
ग्रंथि से थायरायड हार्मोन का स्राव बहुत अधिक बढ़ जाता है।
ग्रेव्स रोग ज्यादातर 20और 40 की उम्र के बीच की महिलाओं
को प्रभावित करता है, क्योंकि ग्रेव्स रोग आनुवंशिक कारकों से
संबंधित वंशानुगत विकार है, इसलिए थाइराइड रोग एक
ही परिवार में कई लोगों को प्रभावित कर सकता है।
* थायराइड का अगला कारण है गर्भावस्था, जिसमें प्रसवोत्तर
अवधि भी शामिल है। गर्भावस्था एक स्त्री के जीवन में
ऐसा समय होता है जब उसके पूरे शरीर में बड़े पैमाने पर परिवर्तन
होता है, और वह तनाव ग्रस्त रहती है।
* रजोनिवृत्ति भी थायराइड का कारण है
क्योंकि रजोनिवृत्ति के समय एक महिला में कई प्रकार के
हार्मोनल परिवर्तन होते है। जो कई बार थायराइड की वजह
बनती है।
*थायराइड के लक्षण:--
कब्ज- थाइराइड होने पर कब्ज की समस्या शुरू हो जाती है।
खाना पचाने में दिक्कत होती है। साथ ही खाना आसानी से गले
से नीचे नहीं उतरता। शरीर के वजन पर भी असर पड़ता है।
हाथ-पैर ठंडे रहना- थाइराइड होने पर आदमी के हाथ पैर हमेशा ठंडे
रहते है। मानव शरीर का तापमान सामान्य यानी 98.4
डिग्री फॉरनहाइट (37 डिग्री सेल्सियस) होता है, लेकिन फिर
भी उसका शरीर और हाथ-पैर ठंडे रहते हैं।
प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होना- थाइराइड होने पर शरीर
की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम़जोर हो जाती है। इम्यून सिस्टम
कमजोर होने के चलते उसे कई बीमारियां लगी रहती हैं।
थकान– थाइराइड की समस्या से ग्रस्त आदमी को जल्द थकान
होने लगती है। उसका शरीर सुस्त रहता है। वह आलसी हो जाता है
और शरीर की ऊर्जा समाप्त होने लगती है।
त्वचा का सूखना या ड्राई होना– थाइराइड से ग्रस्त
व्यक्ति की त्वचा सूखने लगती है। त्वचा में रूखापन आ जाता है।
त्वचा के ऊपरी हिस्से के सेल्स की क्षति होने लगती है
जिसकी वजह से त्वचा रूखी-रूखी हो जाती है।
जुकाम होना– थाइराइड होने पर आदमी को जुकाम होने
लगता है। यह नार्मल जुकाम से अलग होता है और ठीक
नहीं होता है।
डिप्रेशन- थाइराइड की समस्या होने पर आदमी हमेशा डिप्रेशन
में रहने लगता है। उसका किसी भी काम में मन नहीं लगता है,
दिमाग की सोचने और समझने की शक्ति कमजोर हो जाती है।
याद्दाश्त भी कमजोर हो जाती है।
बाल झड़ना- थाइराइड होने पर आदमी के बाल झड़ने लगते हैं
तथा गंजापन होने लगता है। साथ ही साथ उसके भौहों के बाल
भी झड़ने लगते है।
मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
और साथ ही साथ कमजोरी का होना भी थायराइड
की समस्या के लक्षण हो सकते है।
शारीरिक व मानसिक विकास- थाइराइड की समस्या होने पर
शारीरिक व मानसिक विकास धीमा हो जाता है।
अगर आपको ऐसे कोई भी लक्षण दिखाई दे तो तुरन्त अपने डाक्टर
से संपर्क करें आपको थाइराइड समस्या हो सकती है।
साथ ही आप ALOEVERA GEL (जूस) का सेवन करें….साथ
ही तुलसी व गिलोय को खली पेट लेना शुरू करे लाभ होगा..

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