गुरुवार, 18 दिसंबर 2014

जीवन का आधार ............. आयुर्वेद

जीवन का आधार ............. आयुर्वेद
WHO कहता है कि भारत में ज्यादा से ज्यादा केवल 350 दवाओं
की आवश्यकता है | अधितम केवल 350 दवाओं की जरुरत है, और
हमारे देश में बिक रही है 84000 दवाएं | यानी जिन दवाओं
कि जरूरत ही नहीं है वो डॉक्टर हमे खिलते है
क्यों कि जितनी ज्यादा दवाए बिकेगी डॉक्टर का कमिसन
उतना ही बढेगा|
एक बात साफ़ तौर पर साबित होती है कि भारत में
एलोपेथी का इलाज कारगर नहीं हुवा है | एलोपेथी का इलाज
सफल नहीं हो पाया है| इतना पैसा खर्च करने के बाद
भी बीमारियाँ कम नहीं हुई बल्कि और बढ़ गई है | यानी हम
बीमारी को ठीक करने के लिए जो एलोपेथी दवा खाते है उससे
और नई तरह की बीमारियाँ सामने आने लगी है |
ये दवा कंपनिया बहुत बड़ा कमिसन देती है डॉक्टर को|
यानी डॉक्टर कमिशनखोर हो गए है या यूँ कहे की डॉक्टर
दवा कम्पनियों के एजेंट हो गए है|
सारांस के रूप में हम कहे कि मौत का खुला व्यापार धड़ल्ले से पूरे
भारत में चल रहा है तो कोई गलत नहीं होगा|
फिर सवाल आता है कि अगर इन एलोपेथी दवाओं का सहारा न
लिया जाये तो क्या करे ? इन बामारियों से कैसे निपटा जाये ?
........... तो इसका एक ही जवाब है आयुर्वेद |
एलोपेथी के मुकाबले आयुर्वेद श्रेष्ठ क्यों है ? :-
(1) पहली बात आयुर्वेद की दवाएं किसी भी बीमारी को जड़ से
समाप्त करती है, जबकि एलोपेथी की दवाएं
किसी भी बीमारी को केवल कंट्रोल में रखती है|
(2) दूसरा सबसे बड़ा कारण है कि आयुर्वेद का इलाज
लाखों वर्षो पुराना है, जबकि एलोपेथी दवाओं की खोज कुछ
शताब्दियों पहले हुवा |
(3) तीसरा सबसे बड़ा कारण है कि आयुर्वेद की दवाएं घर में, पड़ोस
में या नजदीकी जंगल में आसानी से उपलब्ध हो जाती है,
जबकि एलोपेथी दवाएं ऐसी है कि आप गाँव में रहते
हो तो आपको कई किलोमीटर चलकर शहर आना पड़ेगा और
डॉक्टर से लिखवाना पड़ेगा |
(4) चौथा कारण है कि ये आयुर्वेदिक दवाएं बहुत ही सस्ती है
या कहे कि मुफ्त की है, जबकि एलोपेथी दवाओं कि कीमत बहुत
ज्यादा है| एक अनुमान के मुताबिक एक
आदमी की जिंदगी की कमाई का लगभग 40%
हिस्सा बीमारी और इलाज में ही खर्च होता है|
(5) पांचवा कारण है कि आयुर्वेदिक दवाओं का कोई साइड
इफेक्ट नहीं होता है, जबकि एलोपेथी दवा को एक बीमारी में
इस्तेमाल करो तो उसके साथ दूसरी बीमारी अपनी जड़े मजबूत
करने लगती है|
(6) छटा कारण है कि आयुर्वेद में सिद्धांत है कि इंसान
कभी बीमार ही न हो | और इसके छोटे छोटे उपाय है जो बहुत
ही आसान है | जिनका उपयोग करके स्वस्थ रहा जा सकता है |
जबकि एलोपेथी के पास इसका कोई सिद्दांत नहीं है|
(7) सातवा बड़ा कारण है कि आयुर्वेद का 85% हिस्सा स्वस्थ
रहने के लिए है और केवल 15% हिस्सा में आयुर्वेदिक
दवाइयां आती है, जबकि एलोपेथी का 15% हिस्सा स्वस्थ रहने
के लिए है और 85% हिस्सा इलाज के लिए है |

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