रविवार, 21 दिसंबर 2014

पत्तागोभी से लाभ.....

आपको पत्ता गोभी कैसे पसंद है ? सलाद में ,
सूप में या सब्जी में ? आइये जानते है इसके
बारे में ......
- पत्तागोभी को कही बंद
गोभी कहा जाता है,
कहीं करमल्ला कहा जाता है।
इसकी प्रकृति ठंडी होती है.
- पत्ता गोभी में दूध के बराबर कैल्शियम
पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत
करता है। गोभी का बीच उत्तेजक, पाचन
शक्ति को बढ़ाने वाला और पेट के
कीड़ों को नष्ट करने वाला है।
- पेट दर्द के लिए गोभी बहुत फायदेमंद है।
पेट दर्द होने पर गोभी की जड़, पत्ती,
तना फल और फूल को चावल के पानी में
पकाकर सुबह-शाम लेने से पेट का दर्द ठीक
हो जाता है।
- गोभी खाने से खून साफ होता है।
- गोभी का रस पीने से खून की खराबी दूर
होती है और खून साफ होता है।
- हड्डियों का दर्द दूर करने के लिए
गोभी के रस को गाजर के रस में बराबर
मात्रा में मिलाकर पीने से
हड्डियों का दर्द दूर होता है।
- पीलिया के लिए भी गोभी का रस बहुत
फायदेमंद है। गाजर और गोभी का रस
मिलाकर पीने से पीलिया ठीक होता है।
- बवासीर होने पर जंगली गोभी का रस
निकालकर, उसमें काली मिर्च और
मिश्री मिलाकर पीने से बवासीर के
मस्सों से खून निकलना बंद हो जाता है।
- खून की उल्टी होने पर गोभी का सेवन
करने से फायदा होता है।
गोभी की सब्जी या कच्ची गोभी खाने से
खून की उल्टियां होना बंद हो जाती हैं।
- पेशाब में जलन होने पर
गोभी का काढ़ा बनाकर
रोगी को पिलाइए। इससे तुरंत आराम
मिलता है।
- गले में सूजन होने पर गोभी के
पत्तों का रस निकालकर दो चम्मच
पानी मिलाकर खाने से फायदा होता है।
- पायरिया : पत्तागोभी के कच्चे पत्ते 50
ग्राम नित्य खाने से पायरिया व दाँतों के
अन्य रोगों में लाभ होता है।
- पत्तागोभी में सेल्युलोस नामक तत्व
मौजूद होता है, जो हमें स्वस्थ रखने में
सहायक है। यह तत्व शरीर से कोलेस्ट्रोल
की मात्रा को दूर करता है। इसे मधुमेह के
रोगियों के लिए विशेष
लाभकारी माना जाता है। यह खांसी,
पित्त व रक्त विकार में भी लाभकारी है।
बाल गिरना : पत्तागोभी के 50 ग्राम
पत्ते प्रतिदिन खाने से गिरे हुए बाल उग
आते हैं।
- घाव : इसका रस पीने से घाव ठीक होते
हैं। इसके रस का आधा गिलास 5 बार
पानी मिलाकर पीना चाहिए। घाव पर
इसके रस की पट्टी बाँधें।
- बंदगोभी में ऐसे तत्व होते है जो कैंसर
की रोकथाम करने और उसे होने से बचाने में
मदद करता है। इसमें डिनडॉलीमेथेन
( डीआईएम ), सिनीग्रिन, ल्यूपेल, सल्फोरेन
और इंडोल - 3 - कार्बीनॉल ( 13 सी) जैसे
लाभदायक तत्व होते है। ये सभी कैंसर से
बचाव करने में सहायक होते है।सुबह
खाली पेट पत्तागोभी का कम से कम
आधा कप रस रोजाना पीने से आरम्भिक
अवस्था में कैंसर, बड़ी आंत का प्रवाह
(बहना) ठीक हो जाता है।
- पत्ता गोभी, शरीर में इम्यूनिटी सिस्टम
को स्ट्रांग बनाती है। इसमें विटामिन
सी भरपूर मात्रा में होता है जिससे
बॉडी का इम्यूनिटी सिस्टम काफी मजबूत
हो जाता है।
- यह अमीनो एसिड में सबसे समृद्ध होता है
जो सूजन आदि को कम करता है।
- पत्ता गोभी के सेवन से मोतियाबिंद
का खतरा कम होता है। इसके लगातार सेवन
से बॉडी में बीटा केराटिन बढ़ जाता है
जिससे आंखे सही रहती है।
- हाल ही में हुए शोध से पता चला है
कि पत्ता गोभी के सेवन से अल्माइजर
जैसी समस्याएं दूर हो जाती है। इसमें
विटामिन के भरपूर मात्रा में
पाया जाता है जिससे अल्माइजर
की समस्या दूर हो जाती है।
- पत्ता गोभी, पेप्टिक अल्सर के इलाज में
सहायक होती है। इस रोग से पीडित
व्यक्ति अगर वंदगोभी का नियमित सेवन
करें तो उसे आराम मिल सकता है
क्योंकि इसमें ग्लूटामाइन होता है
जो अल्सर विरोधी होता है।
- इसके सेवन से वजन को भी कम
किया जा सकता है। एक कप पकाई
वंदगोभी में सिर्फ 33 कैलोरी होती है
जो वजन नहीं बढ़ने देती। वंदगोभी का सूप
शरीर को ऊर्जा देता है लेकिन
वसा की मात्रा का घटा देता है।
- पत्ता गोभी में काफी ज्यादा मात्रा में
एंटी - ऑक्सीडेंट होते है जो स्कीन
की सही देखभाल करने के लिए पर्याप्त
होते है।
- पत्ता गोभी में लैक्टिक एसिड
काफी मात्रा में होती है
जो मांसपेशियों के चोटिल होने और उसे
रिकवर करने में काफी सहायक होती है।
- इसमे बहुत ज्यादा रेशा होता है
जिसकी वजह से पाचन क्रिया अच्छे से
होती है और पेट दरुस्त रहता है। इस वजह से
कब्ज की समस्या कभी नहीं हो पाती।
- नींद की कमी, पथरी और मूत्र की रुकावट
में पत्तागोभी लाभदायक है,
इसकी सब्जी घी से छौंक लगाकर
बनानी चाहिए।
- अनिद्रा में
पत्तागोभी की सब्जी तथा रात को सोने
से एक घंटा पहले 5 चम्मच रस पीने से खूब
नींद आती है।
- सल्फर, क्लोरीन तथा आयोडीन साथ में
मिल कर आँतों और आमाशय की म्यूकस परत
को साफ करने में मदद करते हैं। इसके लिए
कच्चे पत्तागोभी को नमक लगा कर
खाना चाहिए।
- छाले, घाव, फोड़े-
फुंसी तथा चकत्तों जैसी परेशानियों में
पत्तागोभी के पत्तों की पट्टी लगाने से
बहुत आराम मिलता है। इस काम के लिए
पत्तागोभी की बाहरी मोटी पत्तियाँ बेह
रहती हैं। पूरी साबुत
पत्तियों को ही पट्टी की तरह काम में
लेना चाहिए। इसकी पट्टी बनाने के लिए
पत्तियों को गरम पानी से बहुत
अच्छी तरह धोकर तौलिये से अच्छी तरह
सुखा कर बेलन से बेलते हुए नरम कर
लेना चाहिए। इसकी मोटी, उभरी हुई
नसों को निकाल कर बेलने से यह नरम
हो जाएगा। फिर इसे गरम करके घाव पर
समान रूप से लगाना चाहिए। इन
पत्तियों को सूती कपड़े में या मुलायम
ऊनी कपड़े में डाल कर काम में ले सकते हैं।
इससे पूरे दिन भर के लिए या रात भर
सिकाई कर सकते हैं। जले हुए
पत्तागोभी की राख भी त्वचा की बहुत
सी बीमारियों में आराम पहुँचाता है।
- पत्तागोभी का रस पेट में गैस कर सकता है
जिसके कारण बदहजमी हो सकती है।
इसलिए सलाह दी जाती है
कि पत्तागोभी के रस में थोड़ी सी गाजर
का रस मिला कर पीना चाहिए। इससे पेट
में गैस या अन्य समस्याएँ नहीं होंगी।
पका हुआ
पत्तागोभी या पत्तागोभी की सब्जी खाने
से भी यदि तकलीफ हो तो इसमे थोड़ी हींग
मिला कर पकाएँ। कच्चा खाने से यह
जल्दी हजम होती है।
- जर्मन पद्धति के अनुसार
पत्तागोभी को काटकर उसमें नमक लगाकर
उसे खट्टा होने के लिए रख दिया जाता है।
इस विधि से तैयार पत्तागोभी को 'सोर
क्राउट' के नाम से जाना जाता है। 'सोर
क्राउट' में प्रचुर मात्रा में विटामिन
पाए जाते है। हृदय रोगों को दूर करने के
लिए सोर क्राउट का प्रयोग
काफी लाभदायक है।

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