सोमवार, 22 दिसंबर 2014

सरदर्द का उपाय.....

सरदर्द के लिए अचूक "प्राकृतिक चिकित्सा "मात्र पांच
मिनट में सरदर्द "गायब"
नाक के दो हिस्से हैं दायाँ स्वर और बायां स्वर जिससे हम
सांस लेते और छोड़ते हैं ,पर यह बिलकुल अलग - अलग असर डालते हैं
और आप फर्क महसूस कर सकते हैं |
दाहिना नासिका छिद्र "सूर्य" और
बायां नासिका छिद्र "चन्द्र" के लक्षण को दर्शाता है
या प्रतिनिधित्व करता है |
सरदर्द के दौरान, दाहिने नासिका छिद्र को बंद करें और
बाएं से सांस लें |
और बस ! पांच मिनट में आपका सरदर्द "गायब" है ना आसान ??
और यकीन मानिए यह उतना ही प्रभावकारी भी है..
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अगर आप थकान महसूस कर रहे हैं तो बस इसका उल्टा करें...
यानि बायीं नासिका छिद्र को बंद करें और दायें से सांस
लें ,और बस ! थोड़ी ही देर में "तरोताजा" महसूस करें |
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दाहिना नासिका छिद्र "गर्म प्रकृति" रखता है और
बायां "ठंडी प्रकृति"
अधिकांश महिलाएं बाएं और पुरुष दाहिने नासिका छिद्र से
सांस लेते हैं और तदनरूप क्रमशः ठन्डे और गर्म प्रकृति के होते हैं सूर्य
और चन्द्रमा की तरह |
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प्रातः काल में उठते समय अगर आप बायीं नासिका छिद्र से
सांस लेने में बेहतर महसूस कर रहे हैं तो आपको थकान जैसा महसूस
होगा ,तो बस बायीं नासिका छिद्र को बंद करें, दायीं से
सांस लेने का प्रयास करें और तरोताजा हो जाएँ |
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अगर आप प्रायः सरदर्द से परेशान रहते हैं तो इसे
आजमायें ,दाहिने को बंद कर बायीं नासिका छिद्र से सांस
लें
बस इसे नियमित रूप से एक महिना करें और स्वास्थ्य लाभ लें |
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तो बस इन्हें आजमाइए और बिना दवाओं के स्वस्थ महसूस करें |

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